बुधवार, 20 जनवरी 2010

बसंत कलेंडर पर लिखी तारीख नहीं


बसंत कैलेंडर पर लिखी तारीख नहीं,
न ही यह सूर्य और चंद्रग्रहण की तरह खगोलीय घटना हैँ
बसंत पेड.की डाली पर खिला फूल है, हवा की सरसराहट है,
बच्ची की किलकारी है, चिडियों की चहचहाट है,
पति की प्रतीक्षा है, पत्नी के विरह का स्वर है,
मिलन का राग है, उल्लास का फाग है
बसंत कलेंडर पर लिखी तारीख नहीं।
-सतीश एलिया

2 टिप्‍पणियां:

राज भाटिय़ा ने कहा…

बसंत पंचमी की शुभकामनाएं

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

वाह क्या बात है सतीश जी. वसन्तपंचमी की शुभकामनायें